One Nation One Election' पर आज संसद में चर्चा, Congress और Shiv Sena ने जारी किया व्हिप
One Nation One Election: आज संसद में देश की राजनीति का एक नया अध्याय लिखा जा सकता है। केंद्र सरकार One Nation One Election को लेकर 129वें संविधान संशोधन बिल, 2024 पेश करने जा रही है। इस बिल का मकसद लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है। यह बदलाव भारतीय चुनावी व्यवस्था में बड़ा सुधार माना जा रहा है। इस ऐतिहासिक बिल को पेश करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आज लोकसभा में प्रस्ताव रखेंगे। संभावना है कि यह बिल संसद की सांयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) को सौंपा जाएगा, ताकि इस पर विस्तृत चर्चा हो सके।

कांग्रेस और शिवसेना ने जारी किया व्हिप
इस बड़े घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस और शिवसेना ने अपने-अपने सांसदों को लोकसभा में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। कांग्रेस ने अपने सांसदों को तीन-लाइन का व्हिप जारी कर कहा है कि वे “crucial proceedings” के लिए सदन में अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। इसके साथ ही कांग्रेस सांसदों की एक बैठक आज सुबह 10:30 बजे संसद भवन स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित होगी, जिसमें दिनभर की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
लोकसभा के मुख्य सचेतक शिवसेना की ओर से श्रीरंग बारणे ने भी सांसदों को एक निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि आज सदन में “अत्यंत महत्वपूर्ण विधायी कार्य” पर चर्चा होगी, और सभी सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य है। शिवसेना, जो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में BJP की सहयोगी है, ने इस बिल के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है।

One Nation One Election' में आखिर क्यों खास ?
यह बिल लोकसभा के चुनावों को राज्यों की विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के साथ करने का प्रस्ताव करता है। सरकार का मत यही है कि इससे चुनाव खर्च कम होगा और इसी तरह के होने वाले दूसरे चुनाव इस प्रशासनिक कार्य को भंग करने नहीं देगा। यह बिल विधानसभा के चुनावों को राज्य विधानसभाएं और लोकसभा के चुनावों के साथ जोड़ते हुए जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के चुनावों का भी समावेश करता है।

कौन है इस बिल के पीछे का असली मास्टरमाइंड ?
इस बिल का ड्राफ्ट एक उच्चस्तरीय कमिटी ने बनाया है जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की है। यह कमिटी 2023 में बनाई गई थी जिसमें चुनावी सुधारों पर विचार किया गया। समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी थी। इनमें से 32 दलों ने इस बदलाव का समर्थन किया, जबकि 15 दल इसके खिलाफ थे

आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
बिल पेश होने के बाद इसे Joint Parliamentary Committee को सौंपा जाएगा। समिति में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि होंगे, और उनकी संख्या संसद में उनके दल की सीटों के आधार पर तय होगी। बीजेपी, जो सबसे बड़ी पार्टी है, समिति की अध्यक्षता करेगी।
युवाओं के लिए क्यों है ये मुद्दा महत्वपूर्ण?
One Nation One Election का मकसद चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने की बात नहीं है, बल्कि विकास कार्यों में तेजी लाना और प्रशासनिक स्थिरता को बढ़ावा देना है। बार-बार चुनाव होने से जो धन और समय बर्बाद होता है, उसे बचाया जा सकेगा। यह बदलाव भारत के युवाओं को एक मजबूत और स्थिर लोकतंत्र देने का वादा करता है।
Today’s Decision Will Be What?
इस बिल पर चर्चा के लिए आज पूरा देश संसद की ओर देख रहा है। यह बिल सिर्फ चुनावी सुधार नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की दिशा और दशा तय करने वाला कदम हो सकता है। अब देखना यह है कि सभी दल किस तरह इस ऐतिहासिक कदम पर अपनी राय रखते हैं।